
Birth Certificate User ID बनाकर आप अब घर बैठे ही अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन के ज़रिए बनवा सकते हैं। भारत सरकार की Civil Registration System की वेबसाइट https://crsorgi.gov.in के ज़रिए नागरिक अब बिना किसी सरकारी कार्यालय जाए यह प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। डिजिटल इंडिया के इस युग में यह सुविधा लाखों परिवारों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है।
यह भी देखें: राशन कार्ड में हुए बड़े बदलाव! जानिए किस सामान में कमी और क्या नया मिलेगा ज्यादा
यूज़र आईडी बनाना क्यों है जरूरी
ऑनलाइन Birth Certificate के लिए सबसे पहला कदम होता है एक मजबूत और मान्य यूज़र आईडी बनाना। यह यूज़र आईडी न केवल आवेदन फॉर्म भरने में मदद करती है, बल्कि इससे आप बाद में अपने आवेदन की स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं। एक बार यूज़र आईडी बनने के बाद आप जन्म पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया घर बैठे ऑनलाइन पूरी कर सकते हैं।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
यूज़र आईडी बनाने के लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल crsorgi.gov.in पर जाएं और General Public Signup सेक्शन में जाकर सभी जरूरी जानकारी भरें। इसमें आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, जन्म तिथि, राज्य, ज़िला, उप-ज़िला और ग्राम/शहर की जानकारी मांगी जाती है। इसके बाद कैप्चा कोड दर्ज कर ‘Register’ बटन पर क्लिक करना होता है। सफल रजिस्ट्रेशन के बाद, आपकी यूज़र आईडी और पासवर्ड तैयार हो जाता है जिससे आप लॉगिन कर सकते हैं।
यह भी देखें: CBSE का बड़ा बदलाव! 12वीं के छात्रों के लिए इस साल से लागू होंगे नए नियम – जानना सभी के लिए जरूरी
Birth Registration फॉर्म कैसे भरें
यूज़र आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करने के बाद आपको Birth Registration फॉर्म दिखाई देगा। इसमें नवजात शिशु की जन्म तिथि, माता-पिता का नाम, अस्पताल का नाम (यदि हो), पता और अन्य आवश्यक जानकारी भरनी होती है। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें और सबमिट पर क्लिक करें। आवेदन पूरा हो जाने के बाद आपको एक रेफरेंस नंबर मिलेगा जिससे आप आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।
डिजिटल प्रक्रिया से समय और भागदौड़ की बचत
पहले जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम या पंचायत कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब यह काम केवल कुछ क्लिक में घर से ही हो सकता है। यह प्रक्रिया खासकर उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो ग्रामीण इलाकों में रहते हैं या जिनके पास समय की कमी होती है। सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में यह एक अहम कदम है।
यह भी देखें: Territorial Army vs Indian Army: भर्ती से लेकर सैलरी-पेंशन तक जानिए क्या है बड़ा फर्क