
सभी पुराने सिम कार्ड्स को बदलने की योजना पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ पुराने सिम कार्ड्स में चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए चिपसेट्स पाए गए हैं, जो सब्सक्राइबर की निजी जानकारी को स्टोर कर सकते हैं। इस संभावित खतरे को देखते हुए सरकार अब पुराने सिम कार्ड्स की जगह सुरक्षित विकल्प लाने की दिशा में काम कर रही है। साइबर सुरक्षा-Cyber Security की दृष्टि से यह कदम बेहद जरूरी माना जा रहा है।
यह भी देखें: 40 साल से नहीं छोड़ा मकान, हाई कोर्ट ने किराएदार पर ठोका ₹15 लाख जुर्माना
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक की रिपोर्ट बनी आधार
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (National Cyber Security Coordinator – NCSC) और गृह मंत्रालय की संयुक्त समीक्षा में सामने आया कि कुछ पुराने सिम कार्ड्स में ऐसे चिप्स हैं, जो उपयोगकर्ता की पहचान यानी SIM Subscriber Identity Module से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को स्टोर करते हैं। यह डेटा विदेशी सर्वरों तक भी पहुंच सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। इसी आधार पर सरकार अब एक नई रणनीति बना रही है, जिसके तहत इन सिम कार्ड्स को चरणबद्ध ढंग से बदला जाएगा।
टेलीकॉम कंपनियों के साथ बातचीत तेज
सरकार ने Jio, Airtel, Vi और BSNL जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के साथ लगातार बैठकें की हैं ताकि पुराने सिम कार्ड्स को बदले जाने की प्रक्रिया को लागू किया जा सके। इस स्कीम के तहत सबसे पहले उन उपभोक्ताओं को लक्षित किया जाएगा जो लंबे समय से एक ही सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं। टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे यूजर्स को जानकारी दें, और संभावित खतरों के बारे में आगाह करें। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी ताकि किसी यूजर को परेशानी न हो।
यह भी देखें: Traffic Challan Rules: ट्रैफिक चालान से बचना है? जान लें ये 7 जरूरी नियम, फिर नहीं कट पाएगा कभी चालान
ग्राहकों के लिए क्या है जरूरी कदम
यदि आप भी पुराने सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं, तो आने वाले समय में टेलीकॉम कंपनियां आपको सिम अपग्रेड के लिए संपर्क कर सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप फर्जी कॉल या मैसेज से बचें और केवल आधिकारिक सूचना पर ही प्रतिक्रिया दें। सरकार या टेलीकॉम कंपनियों की ओर से जब भी कोई आधिकारिक घोषणा होगी, तो संबंधित वेबसाइट या ऐप पर उसकी पुष्टि जरूर करें। किसी भी सिम बदलाव की प्रक्रिया के दौरान आपके मोबाइल नंबर और डेटा को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
देश की साइबर सुरक्षा को मिलेगा नया कवच
यह निर्णय सरकार की “डिजिटल इंडिया” पहल और डेटा सुरक्षा को मजबूत बनाने के प्रयासों से जुड़ा है। बीते वर्षों में भारत ने कई चीनी ऐप्स और हार्डवेयर पर प्रतिबंध लगाया है। उसी क्रम में अब टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी विदेशी हस्तक्षेप से मुक्त करने की तैयारी है। पुराने सिम कार्ड्स को बदलना केवल तकनीकी कदम नहीं, बल्कि यह भारत की डिजिटल संप्रभुता को सुरक्षित करने की दिशा में एक रणनीतिक फैसला है।
यह भी देखें: दिल्ली में पेट्रोल बाइक और CNG ऑटो पर लगेगा बैन? जानिए नया ट्रैफिक प्लान