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बैंक लॉकर में रखा कीमती सामान अगर गायब हो जाए तो क्या मिलेगा क्लेम? जानिए बैंकिंग नियम

अगर आपके बैंक लॉकर में रखा कीमती सामान गायब हो जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं। RBI के नए नियम के अनुसार बैंक की लापरवाही साबित होने पर आपको मिलेगा लॉकर किराए का 100 गुना तक मुआवजा। जानिए किन शर्तों पर मिलेगा क्लेम, नकदी पर क्यों नहीं बनता दावा और क्या है सही शिकायत की प्रक्रिया।

By Andrea Mathews
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बैंक लॉकर में रखा कीमती सामान जैसे गहने, दस्तावेज़ या अन्य मूल्यवान चीज़ें अगर चोरी हो जाएं या किसी अन्य कारण से नुकसान हो जाए, तो क्या बैंक जिम्मेदार होगा? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में रहता है। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक-RBI ने लॉकर से संबंधित नियमों को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो ग्राहकों को सुरक्षा के साथ-साथ क्लेम का अधिकार भी प्रदान करते हैं।

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बैंक की जिम्मेदारी और ग्राहक का अधिकार

RBI की नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि लॉकर में रखा सामान बैंक की लापरवाही के कारण चोरी होता है, जैसे कि सुरक्षा चूक, कर्मचारियों की मिलीभगत या बैंक परिसर में डकैती, तो बैंक उस नुकसान की भरपाई करने का जिम्मेदार होगा। इस स्थिति में बैंक ग्राहक को लॉकर के वार्षिक किराये का 100 गुना तक मुआवजा दे सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी लॉकर का सालाना किराया ₹5,000 है, तो अधिकतम ₹5 लाख तक क्लेम किया जा सकता है।

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प्राकृतिक आपदाएं या नकदी पर क्लेम नहीं

RBI नियमों के अनुसार, यदि लॉकर में रखा सामान प्राकृतिक आपदाओं—जैसे बाढ़, भूकंप, तूफान आदि—की वजह से नुकसान का शिकार होता है, तो बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। इसके अतिरिक्त, लॉकर में नकदी रखना RBI के दिशानिर्देशों के खिलाफ है। यदि ग्राहक ने नकदी रखी और वह चोरी या नष्ट हो गई, तो बैंक किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति नहीं करेगा।

मुआवजा लेने की प्रक्रिया कैसी है?

अगर लॉकर में रखे सामान के गायब होने की स्थिति आती है, तो ग्राहक को सबसे पहले बैंक को लिखित रूप में सूचित करना चाहिए। इसके बाद, यदि मामला चोरी या धोखाधड़ी से जुड़ा हो, तो पुलिस में एफआईआर दर्ज करना भी जरूरी है। बैंक द्वारा की गई जांच में यदि बैंक की लापरवाही सिद्ध होती है, तो ग्राहक मुआवजे का हकदार होता है। यह प्रक्रिया ट्रांसपेरेंट और समयबद्ध मानी जाती है, बशर्ते सभी दस्तावेज़ सही हों।

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Andrea Mathews
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