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एक और बैंक बंद! RBI ने रद्द किया लाइसेंस – आपके जमा पैसों का क्या होगा? जानें पूरी डिटेल

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब सवाल उठता है – आपके पैसे का क्या होगा? DICGC ₹5 लाख तक की राशि की गारंटी देता है और RBI ने साफ किया है कि 99.53% जमाकर्ता पूरी राशि पा सकेंगे। जानिए इस बैंक के बंद होने की पूरी प्रक्रिया, रिफंड की डिटेल और ग्राहकों को उठाने वाले जरूरी कदम।

By Andrea Mathews
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एक और बैंक बंद! RBI ने रद्द किया लाइसेंस – आपके जमा पैसों का क्या होगा? जानें पूरी डिटेल

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। RBI के इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण बैंक की वित्तीय स्थिति की गंभीरता है। बैंक न तो पर्याप्त पूंजी बनाए रखने में सक्षम था और न ही उसके पास भविष्य में लाभ कमाने की संभावनाएं थीं। यही वजह है कि यह अपने जमाकर्ताओं को समय पर भुगतान करने में भी विफल हो रहा था।

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बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत कार्रवाई

RBI ने बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की धारा 56 के तहत यह कार्रवाई की है। बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद अब यह बैंकिंग गतिविधियों को जारी नहीं रख सकता। साथ ही, बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह अपने सभी लेनदेन बंद करे और ग्राहकों को इस बाबत सूचित किया जाए।

आपके जमा पैसों का क्या होगा?

बैंक के लाइसेंस रद्द होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि आम लोगों के जमा पैसे सुरक्षित हैं या नहीं। इसका सीधा उत्तर है – हां, आपके पैसे सुरक्षित हैं, लेकिन एक सीमा तक। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की गारंटी के तहत हर जमाकर्ता को ₹5 लाख तक की बीमा सुरक्षा दी जाती है। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति के खाते में ₹5 लाख या उससे कम जमा हैं, तो उसे वह राशि DICGC से वापस मिल जाएगी।

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RBI और DICGC की ओर से स्पष्ट आंकड़े

RBI द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बैंक के कुल जमाकर्ताओं में से लगभग 99.53% ग्राहक ऐसे हैं, जिन्हें उनकी पूरी जमा राशि (₹5 लाख तक) वापस मिल जाएगी। यानी, बहुत ही कम प्रतिशत लोग ऐसे होंगे जिनकी जमा राशि ₹5 लाख से अधिक है और वे पूर्ण रिफंड के लिए बैंक के परिसमापन प्रक्रिया पर निर्भर रहेंगे।

लिक्विडेशन प्रोसेस और DICGC का रोल

अब जब बैंक का लाइसेंस रद्द हो चुका है, तब उसे पूर्ण रूप से बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें एक परिसमापक (Liquidator) नियुक्त किया जाएगा जो बैंक की संपत्तियों का मूल्यांकन कर उसे बेचकर शेष जमाकर्ताओं को भुगतान करेगा। लेकिन जिनके पास ₹5 लाख तक की राशि जमा है, उन्हें DICGC के माध्यम से सीधे भुगतान मिल जाएगा। इस प्रक्रिया में कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीनों तक का समय लग सकता है।

ग्राहकों के लिए अगला कदम

जिन खाताधारकों की राशि ₹5 लाख से अधिक है, उन्हें बैंक के परिसमापक द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया पर ध्यान देना होगा और समय-समय पर जानकारी लेते रहनी चाहिए। वहीं, ₹5 लाख तक की राशि वाले ग्राहक DICGC की वेबसाइट www.dicgc.org.in पर जाकर आवश्यक दस्तावेज़ों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सभी ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पहचान और खाता विवरण के दस्तावेज़ अपडेट रखें ताकि कोई अड़चन न आए।

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Andrea Mathews
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