
बिहार सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए इसे अब पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस (Paperless) बना दिया है। 1 अप्रैल 2025 से लागू इस नई व्यवस्था में अब दस्तावेज़ों पर खरीदार और विक्रेता के हस्ताक्षर (Signatures) की आवश्यकता नहीं होगी। उनकी बायोमेट्रिक पहचान (Biometric Verification) और आधार कार्ड-Aadhaar से लिंक होना ही डिजिटल हस्ताक्षर के रूप में मान्य होगा। यह कदम जमीन खरीदने और बेचने की पारंपरिक प्रक्रिया को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
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डिजिटल हस्ताक्षर से तय होगी पहचान
नई व्यवस्था में फिजिकल साइन की जगह पर बायोमेट्रिक सत्यापन का प्रयोग किया जाएगा। रजिस्ट्री के समय उपस्थित पक्षकारों की फिंगरप्रिंट स्कैनिंग और आधार से जुड़ा वेरिफिकेशन सिस्टम अपनाया जाएगा, जिससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाएगी। यह डिजिटल सिग्नेचर-Digital Signature सरकारी पोर्टल द्वारा सत्यापित होगा, जो दस्तावेज़ों की वैधता को पूरी तरह प्रमाणित करता है।
पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत
अब बिहार में पेपरलेस रजिस्ट्री-Paperless Registry को लागू कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि रजिस्ट्री से संबंधित सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन फॉर्मेट में ही स्वीकार किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में खरीदार और विक्रेता को किसी प्रकार की फिजिकल फाइल या पेपर सबमिट नहीं करना होगा। यह पहल सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान-Digital India Initiative को मजबूत करती है।
आधार से लिंकिंग और बायोमेट्रिक अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत जमीन से संबंधित प्रत्येक पक्ष का आधार लिंक-Aadhaar Link अनिवार्य कर दिया गया है। आधार से लिंक बायोमेट्रिक पहचान रजिस्ट्री के दौरान सत्यापन का आधार बनेगी। इससे फर्जी दस्तावेज़, बोगस डील्स और धोखाधड़ी पर प्रभावी रोक लगेगी। साथ ही, रिकॉर्ड की ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित होगी।
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रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग से पारदर्शिता
अब रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग (Video Recording) भी की जाएगी। इसका उद्देश्य रजिस्ट्री के हर चरण की निगरानी और पारदर्शिता बनाए रखना है। यदि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होता है, तो यह वीडियो साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जा सकेगा।
ऑनलाइन भुगतान से खत्म होगी कैश प्रणाली
नए नियमों के अंतर्गत रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी-Stamp Duty का भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा। इसके लिए नागरिक क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI का उपयोग कर सकते हैं। इस व्यवस्था से नकद लेन-देन की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो जाएगी और राजस्व चोरी पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा।
शुरूआत इन जिलों से
22 अप्रैल 2025 से बिहार के 10 निबंधन कार्यालयों में इस पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत की जा रही है। इनमें शेखपुरा, जहानाबाद, भोजपुर, सोनपुर (सारण), पातेपुर (वैशाली), बाढ़, फतुहां, संपतचक (पटना), डेहरी (रोहतास) और केसरिया (पूर्वी चंपारण) शामिल हैं। इन जिलों में सफलता के बाद यह व्यवस्था पूरे राज्य में लागू की जाएगी।
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