
राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई डॉ. अंबेडकर पंचतीर्थ यात्रा योजना एक ऐतिहासिक पहल है, जिसका उद्देश्य दलित समाज के लोगों को डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन, संघर्ष और योगदान से प्रत्यक्ष रूप से परिचित कराना है। इस योजना के तहत न केवल भारत में बल्कि लंदन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थल तक की फ्री यात्रा करवाई जाएगी। यह प्रयास सामाजिक समरसता, शिक्षा और प्रेरणा की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम माना जा रहा है।
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डॉ. अंबेडकर पंचतीर्थ यात्रा योजना क्या है
यह योजना राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई है, जिसमें दलित समाज के लोगों को भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े पाँच प्रमुख स्थलों की यात्रा कराई जाएगी। ये पंचतीर्थ स्थल हैं—महू (जन्मस्थान), नागपुर (दीक्षा भूमि), दिल्ली (महापरिनिर्वाण स्थल), मुंबई (चैत्य भूमि) और लंदन (जहां उन्होंने कानून की पढ़ाई की)। लंदन स्थित उनके ऐतिहासिक घर की यात्रा इस योजना का सबसे अनोखा पहलू है, जो इसे अन्य किसी भी सरकारी योजना से अलग बनाता है।
लंदन यात्रा का खास महत्व
लंदन यात्रा सिर्फ एक पर्यटन अनुभव नहीं है, बल्कि यह डॉ. अंबेडकर के उस संघर्ष और आत्मनिर्भरता का स्मरण है, जिसे उन्होंने विदेश जाकर शिक्षा प्राप्त करते हुए सिद्ध किया था। यह यात्रा दलित समाज के लोगों को यह सिखाने का प्रयास है कि Education और Empowerment ही सबसे बड़ा परिवर्तन का हथियार है। सरकार इस यात्रा का पूरा खर्च वहन करेगी, जिसमें टिकट, वीज़ा, आवास, भोजन और गाइडेड टूर जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
किसे मिलेगा अवसर और क्या होंगी शर्तें
इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकेंगे जिन्हें पंचतीर्थ यात्रा के लिए चयनित किया गया हो। लंदन यात्रा के लिए किसी अलग आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। पहले चरण में चुने गए लोगों में से ही स्वास्थ्य, पासपोर्ट और अन्य नियमों के आधार पर कुछ को विदेश भेजा जाएगा। यह चयन पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होगा। आवेदन केवल ऑनलाइन मोड में सामाजिक न्याय विभाग की वेबसाइट से किए जाएंगे और राज्य का निवासी होने का प्रमाण आवश्यक होगा।
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योजना के लिए निर्धारित बजट और लक्ष्य
राजस्थान सरकार ने योजना के पहले चरण के लिए 1 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष भर में 1000 लोगों को इस यात्रा का हिस्सा बनाया जाए। इसका सीधा उद्देश्य है सामाजिक सशक्तिकरण और संविधान के प्रति जागरूकता को जन-जन तक पहुँचाना।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और सामाजिक संदेश
यह योजना भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे का हिस्सा है, जिसमें दलित समाज को डॉ. अंबेडकर से जुड़े स्थलों की यात्रा का अवसर देने की बात कही गई थी। यह पहल न केवल एक सामाजिक प्रतिबद्धता को निभाने का प्रमाण है, बल्कि इसके जरिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि दलित समुदाय सिर्फ आरक्षण का हिस्सा नहीं, बल्कि समाज के समरस और समृद्ध भविष्य का आधार भी है।
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