
Delhi E-Vehicle Policy 2025 का मकसद राजधानी दिल्ली को फॉसिल फ्यूल से चलने वाले वाहनों से मुक्त कर स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल शहर बनाना है। इस नई नीति के तहत दिल्ली सरकार ने 15 अगस्त 2025 से पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले तीन-पहिया मालवाहक वाहनों के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने का फैसला लिया है। वहीं 15 अगस्त 2026 से दो-पहिया गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों के नए पंजीकरण की अनुमति भी समाप्त कर दी जाएगी।
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CNG ऑटो के रजिस्ट्रेशन और परमिट पर भी लगाम
इस नीति के लागू होते ही 15 अगस्त 2025 से CNG ऑटो रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे। पुराने ऑटो जिनका परमिट रिन्यूअल होना है, उन्हें भी अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि सभी पुराने फॉसिल फ्यूल से चलने वाले ऑटो रिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाकर केवल इलेक्ट्रिक ऑटो ही सड़कों पर चलाए जाएं। इसके तहत 10 वर्ष से अधिक पुराने ऑटो या तो स्क्रैप किए जाएंगे या उन्हें ई-रिक्शा में बदला जाएगा।
सरकारी सेवाओं में EV अनिवार्य, DTC और MCD को निर्देश
Delhi E-Vehicle Policy 2025 सिर्फ निजी वाहनों तक सीमित नहीं है। सरकार ने MCD, NDMC और DJB जैसे सार्वजनिक संस्थानों को निर्देश दिया है कि उनके सभी कचरा वाहन 31 दिसंबर 2027 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने चाहिए। साथ ही DTC और DIMTS के अंतर्गत चलने वाली सभी सार्वजनिक बसें भी अब इलेक्ट्रिक होंगी। यह निर्णय दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को शत-प्रतिशत ग्रीन बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
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निजी गाड़ियों के मालिकों के लिए सख्त शर्तें
यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से दो वाहन हैं, तो अब वह तीसरा वाहन तभी खरीद सकेगा जब वह पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक हो। यह नियम EV नीति की अधिसूचना के बाद प्रभावी होगा। इससे निजी वाहनों के सेक्टर में भी ई-मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली की सड़कों पर धीरे-धीरे पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन कम होते जाएंगे।
महिलाओं और व्यवसायों को मिलेगी सब्सिडी का लाभ
EV नीति महिलाओं और छोटे व्यवसायियों को विशेष प्रोत्साहन देती है। महिलाओं को इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहन खरीदने पर ₹12,000 प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) की सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम ₹36,000 तक हो सकती है। इसके अतिरिक्त, जो लोग पुराने फॉसिल फ्यूल वाहनों को स्क्रैप करेंगे, उन्हें ₹10,000 तक की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी। व्यावसायिक उपयोग के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी अलग से प्रोत्साहन दिए जाएंगे, ताकि छोटे व्यापारियों को बदलाव में कोई कठिनाई न हो।
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