News

1.5 टन AC पूरी रात चलाया तो कितना बढ़ेगा बिजली का बिल? जानें सटीक कैलकुलेशन

1.5 टन AC की खपत जानकर चौंक जाएंगे! रोजाना ₹72 का खर्च और मासिक बिल में हजारों की बढ़ोतरी – जानिए सटीक कैलकुलेशन और बचत के स्मार्ट तरीके इस लेख में। पढ़ें, समझें और अपना बिल कंट्रोल करें!

By Andrea Mathews
Published on

गर्मी के मौसम में जैसे ही तापमान बढ़ता है, वैसे ही 1.5 टन AC की मांग भी घरों और ऑफिसों में तेजी से बढ़ जाती है। लेकिन यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि अगर ऐसा AC पूरी रात यानी करीब 8 घंटे तक लगातार चले, तो बिजली के बिल पर इसका असर कितना होगा। दरअसल, 1.5 टन AC औसतन 1.5 से 1.8 किलोवाट (kW) बिजली प्रति घंटे की खपत करता है, जो उसकी स्टार रेटिंग और एनर्जी एफिशिएंसी पर निर्भर करता है।

यह भी देखें: राशन कार्ड रद्द हो गया तो नहीं मिलेगा अनाज! ये 5 गलतियां भूलकर भी न करें

रातभर AC चलाने पर यूनिट खपत का सीधा हिसाब

अगर मान लें कि 1.5 टन का AC औसतन 1.5 किलोवाट बिजली की खपत करता है, और उसे लगातार 8 घंटे चलाया जाए, तो कुल खपत होगी 1.5 × 8 = 12 किलोवाट-घंटे (kWh)। इसे आम भाषा में 12 यूनिट बिजली माना जा सकता है। यही 12 यूनिट रोजाना की खपत में जुड़ती है जो महीने भर में बड़ा असर डाल सकती है।

बिजली दर के अनुसार बिल में बढ़ोतरी

अगर आपके क्षेत्र में बिजली की औसत दर ₹6 प्रति यूनिट है, तो सिर्फ एक रात में AC चलाने से ₹72 का खर्च आएगा। यानी अगर महीने के 30 दिन 1.5 टन AC रातभर चले तो कुल खपत होगी 12 × 30 = 360 यूनिट। ऐसे में महीने का बिल केवल AC के लिए ₹2,160 तक जा सकता है। यह आंकड़ा ऊर्जा की लागत के प्रति सजग रहने का संकेत देता है।

यह भी देखें: पुरानी कार से भी होगी कमाई! स्क्रैप करा कर सीधे अकाउंट में आएंगे पैसे

ऊर्जा दक्षता और AC का प्रकार भी निभाते हैं भूमिका

हर AC की बिजली खपत उसकी तकनीक पर निर्भर करती है। इन्वर्टर AC, नॉन-इन्वर्टर की तुलना में कम बिजली खपत करता है क्योंकि यह लगातार ऑन-ऑफ नहीं होता, बल्कि कमरे के तापमान को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को नियंत्रित करता है। इसी तरह, 5-स्टार रेटिंग वाले AC की खपत 3-स्टार की तुलना में कम होती है। इसलिए खरीदते समय स्टार रेटिंग और तकनीक का ध्यान रखना जरूरी है।

कमरा, तापमान सेटिंग और इन्सुलेशन पर खर्चा निर्भर

अगर AC को 18 या 20 डिग्री पर चलाया जाए तो कंप्रेसर पर ज्यादा दबाव पड़ता है और यूनिट ज्यादा खर्च होती है। जबकि 24-26 डिग्री पर सेट करने से बिजली की खपत कम होती है। इसके अलावा कमरे का आकार, वेंटिलेशन और इन्सुलेशन का स्तर भी तय करता है कि AC को कितना मेहनत करनी होगी ठंडा करने के लिए, और उसका सीधा असर बिल पर पड़ता है।

यह भी देखें: सभी पुराने SIM होंगे बदले! नई स्कीम से पहले जान लें ये जरूरी अपडेट

Author
Andrea Mathews
Hi, I'm the writer behind niftadmissions.in, sharing insights on personal finance, zodiac, world news, and more. I believe accurate information empowers better decisions. When I'm not writing, I'm exploring new trends and connecting with experts. Thanks for joining me on this journey!

Leave a Comment