
JEE Main 2025 के अप्रैल सत्र के एग्जाम खत्म होते ही छात्रों और कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों ने कई प्रश्नों पर आपत्ति जताई है। यह आपत्तियाँ सामान्य नहीं हैं, बल्कि वे सीधे तौर पर परीक्षा की गुणवत्ता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती हैं। कुल मिलाकर नौ प्रश्नों पर विवाद सामने आया है, जिनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के प्रश्न शामिल हैं। इन आपत्तियों ने परीक्षा देने वाले छात्रों की चिंता को और बढ़ा दिया है, क्योंकि इन त्रुटियों का सीधा प्रभाव उनके स्कोर और रैंकिंग पर पड़ सकता है।
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भौतिकी के सवालों में मूलभूत त्रुटियाँ
भौतिकी सेक्शन में जिन चार सवालों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है, उनमें कुछ तो अवधारणात्मक गलतियाँ थीं, जबकि कुछ में सीधा डेटा ही गलत था। उदाहरण के तौर पर, हाइड्रोजन जैसे आयन के लिए गलत परमाणु संख्या दी गई थी, जिससे सही उत्तर देना असंभव हो गया। करंट इलेक्ट्रिसिटी पर आधारित एक प्रश्न में सही उत्तर 5mA होना चाहिए था, जबकि उत्तर कुंजी में 125mA को सही बताया गया। एक और सवाल में कोई भी विकल्प सटीक नहीं था, जिससे छात्र असमंजस में पड़ गए।
रसायन विज्ञान और गणित में भी स्पष्ट विसंगतियाँ
रसायन विज्ञान (Chemistry) के सेक्शन में आयनिक इक्विलिब्रियम (Ionic Equilibrium) और केमिकल काइनेटिक्स (Chemical Kinetics) से संबंधित सवालों को लेकर विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तर कुंजी में जो उत्तर दिए गए हैं, वे मौलिक रूप से गलत हैं। गणित में प्रायिकता (Probability) और संबंधों (Relations) से जुड़े सवालों को लेकर भी छात्रों ने यह आरोप लगाया है कि सवालों की भाषा या तो अस्पष्ट थी या फिर विकल्पों में कोई भी उत्तर सही नहीं था। इस तरह की गलतियाँ न केवल परीक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास पर भी चोट करती हैं।
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उत्तर कुंजी और प्रतिक्रिया शीट में मेल नहीं
कई छात्रों और उनके अभिभावकों ने यह भी शिकायत की है कि NTA द्वारा जारी की गई प्रोविजनल आंसर की और रिस्पॉन्स शीट में भारी अंतर है। कुछ छात्रों का कहना है कि जिन सवालों के उत्तर उन्होंने निश्चित रूप से दिए थे, उन्हें अनुत्तरित दिखाया गया है। इससे उनके स्कोर में कमी आने की आशंका है, जो सीधा एडमिशन की प्रक्रिया और भविष्य के अवसरों को प्रभावित कर सकता है।
कोचिंग विशेषज्ञों की मांग
देश के कई प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों ने इन विवादित प्रश्नों पर गहन विश्लेषण के बाद यह मांग की है कि NTA या तो इन त्रुटिपूर्ण सवालों को मूल्यांकन से हटाए या फिर सभी छात्रों को उन पर बोनस अंक प्रदान करे। उनका कहना है कि यह न केवल निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि छात्रों के साथ न्याय करने के लिए भी अनिवार्य है। विशेषज्ञों ने NTA को विस्तृत समाधान और साक्ष्य भी सौंपे हैं, ताकि त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई की जा सके।
NTA की चुप्पी पर सवाल
अब तक NTA की ओर से इस विषय पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसे में छात्रों और उनके परिजनों के बीच निराशा और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जिस संस्था पर छात्रों के करियर की दिशा तय करने की जिम्मेदारी है, उसके लिए यह आवश्यक है कि वह इन आपत्तियों पर पारदर्शिता और तत्परता से कार्य करे। परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना NTA की ज़िम्मेदारी है, जिसे वह नजरअंदाज़ नहीं कर सकती।
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