
1 मई से टोल नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है और यह बदलाव सीधे वाहन चालकों को प्रभावित करेगा। अब टोल वसूली का तरीका बदलने वाला है, क्योंकि FASTag की अनिवार्यता खत्म हो रही है और उसकी जगह एक नई प्रणाली – GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू किया जा रहा है। अगर आप इस सिस्टम को नहीं समझते या समय रहते तैयारी नहीं करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
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GPS आधारित टोल वसूली का नया सिस्टम
नई व्यवस्था में टोल वसूली फास्टैग-FASTag की जगह वाहन में लगे GPS डिवाइस के माध्यम से की जाएगी। यह तकनीक पूरे देश के नेशनल हाईवे पर लागू की जाएगी। जैसे ही आपका वाहन टोल सीमा में प्रवेश करेगा, सिस्टम आपके वाहन की लोकेशन और यात्रा दूरी को ट्रैक करेगा। इसी के आधार पर टोल की राशि सीधे आपके लिंक किए गए बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से काट ली जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया स्वत: होगी, जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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बिना FASTag के भी कटेगा टोल
हालांकि FASTag का प्रयोग अब खत्म किया जा रहा है, लेकिन जिन वाहनों में GPS डिवाइस नहीं लगा होगा, उन पर भी टोल शुल्क लगेगा। सरकार इस प्रणाली में हाई-स्पीड कैमरा और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) तकनीक का इस्तेमाल करेगी, जो वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करके टोल राशि निर्धारित करेगी। अगर वाहन मालिक ने अभी तक GPS डिवाइस नहीं लगवाया है, तो टोल अधिक राशि पर वसूला जा सकता है, जो उन्हें आर्थिक रूप से प्रभावित कर सकता है।
वाहन मालिकों के लिए जरूरी तैयारी
जो वाहन मालिक इस बदलाव को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, उन्हें आगे चलकर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। GPS डिवाइस को अधिकृत डीलर से लगवाना अनिवार्य होगा और इसे अपने बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से लिंक करना भी जरूरी होगा। NHAI पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया को भी समय रहते पूरा करना होगा, ताकि नए सिस्टम में आपकी एंट्री सुनिश्चित हो सके। अगर यह नहीं किया गया, तो हर टोल क्रॉसिंग पर भारी जुर्माना लग सकता है।
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