
अब होटल, दुकान या किसी यात्रा के दौरान आधार की फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए एक नए आधार ऐप ने पहचान सत्यापन की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल, सुरक्षित और उपयोगकर्ता-केंद्रित बना दिया है। इस ऐप में फेस आईडी-Face ID, QR कोड स्कैनिंग और डेटा शेयरिंग पर यूज़र की सहमति जैसे फीचर्स शामिल किए गए हैं। इसके आने से आधार का दुरुपयोग और फोटोकॉपी के ज़रिए डेटा लीक की आशंका काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
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फेस आईडी से होगी डिजिटल पहचान
नया आधार ऐप स्मार्टफोन के जरिए फेस आईडी वेरिफिकेशन की सुविधा देता है। इससे किसी भी व्यक्ति की पहचान को उसकी लाइव फोटो के ज़रिए सत्यापित किया जा सकता है, और यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होती है। इसका मतलब यह है कि अब किसी होटल में चेक-इन करते समय आपको अपना आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी देना ज़रूरी नहीं होगा। आपकी पहचान ऐप के ज़रिए ही वेरिफाई हो जाएगी।
QR कोड स्कैनिंग से मिलेगी त्वरित सेवा
इस ऐप में QR कोड स्कैन करने की सुविधा भी है, जिससे दुकानदार, होटल संचालक या कोई भी सेवा प्रदाता तुरंत आपकी जानकारी वेरिफाई कर सकता है। यह सुविधा UPI-पेमेंट सिस्टम जैसी सरल और तेज़ प्रक्रिया प्रदान करती है, जिससे लंबी पहचान प्रक्रियाएं इतिहास बन जाएंगी। QR स्कैनिंग से सेवा प्रदाता केवल वही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसकी उन्हें जरूरत हो – और वह भी आपकी अनुमति से।
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यूज़र की सहमति होगी अनिवार्य
यह ऐप एक बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर के साथ आता है – डेटा शेयरिंग पर यूज़र की सहमति। इसका मतलब यह है कि किसी को भी आपकी जानकारी तभी मिलेगी जब आप उसे स्पष्ट अनुमति देंगे। इससे यूज़र्स को अपनी पहचान और निजी डेटा पर पूरा नियंत्रण मिलेगा। पहले जहां फोटोकॉपी एक बार दे दी जाती थी और फिर उसका दुरुपयोग संभव था, अब यह समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
फिजिकल डॉक्यूमेंट की जरूरत खत्म
इस ऐप की मदद से अब फिजिकल डॉक्यूमेंट या उसकी फोटोकॉपी साथ लेकर चलने की कोई ज़रूरत नहीं है। खासकर उन लोगों के लिए जो लगातार यात्रा करते हैं या अकसर होटल या रेस्टोरेंट्स में चेक-इन करते हैं, यह सुविधा बेहद उपयोगी साबित होगी। यह ऐप पहचान सत्यापन को पूरी तरह पेपरलेस और डिजिटल बनाता है।
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बीटा फेज में ऐप, जल्द होगा सबके लिए उपलब्ध
यह आधार ऐप इस समय बीटा टेस्टिंग फेज में है, यानी इसे फिलहाल सीमित यूज़र्स के लिए उपलब्ध किया गया है ताकि इसकी कार्यक्षमता और सुरक्षा का परीक्षण किया जा सके। जल्द ही यह ऐप आम जनता के लिए भी रोलआउट किया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह ऐप पहचान प्रक्रिया को भविष्य के अनुकूल बना देगा और इसमें डेटा सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है।