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Territorial Army vs Indian Army: भर्ती से लेकर सैलरी-पेंशन तक जानिए क्या है बड़ा फर्क

क्या आप नौकरी करते हुए भी सेना में जाना चाहते हैं? Territorial Army आपको देता है यह खास मौका! जानिए Indian Army और Territorial Army के बीच भर्ती, सैलरी, पेंशन और ट्रेनिंग से जुड़ा हर फर्क। यह लेख आपके करियर की दिशा तय कर सकता है—जरूर पढ़ें, पूरा सच जानने के लिए!

By Andrea Mathews
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Territorial Army vs Indian Army: भर्ती से लेकर सैलरी-पेंशन तक जानिए क्या है बड़ा फर्क

Territorial Army और Indian Army—ये दोनों ही भारत की सैन्य शक्ति के महत्वपूर्ण अंग हैं, लेकिन इनकी भूमिका, सेवा की प्रकृति और लाभों में कई अहम अंतर हैं। अक्सर लोग इन दोनों के बीच फर्क नहीं समझ पाते और कन्फ्यूजन में रहते हैं कि किसमें जाना बेहतर होगा। Territorial Army एक पार्ट-टाइम सेवा है जो नागरिकों को सेना की जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने सामान्य पेशे को जारी रखने का अवसर देती है। वहीं Indian Army फुल-टाइम प्रोफेशनल सेवा है जिसमें सैनिक हर समय तैनात रहते हैं।

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भर्ती प्रक्रिया में है अहम फर्क

Indian Army में भर्ती के लिए उम्मीदवारों को NDA, CDS या अन्य सरकारी परीक्षाओं के ज़रिए चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है जिसमें लिखित परीक्षा, SSB इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट शामिल होते हैं। इसके विपरीत Territorial Army में आम नागरिकों के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू होते हैं जबकि पूर्व सैन्यकर्मियों को सीधे इंटरव्यू के ज़रिए भर्ती दी जाती है। दोनों की प्रक्रियाएं अलग हैं और तैयारी की मांग भी अलग है।

सेवा की प्रकृति: फुल टाइम बनाम पार्ट टाइम

Indian Army एक पूर्णकालिक सेवा है, जहां सैनिकों को हर समय ड्यूटी पर रहना होता है। इसमें ट्रांसफर, फील्ड पोस्टिंग और मिशन पर तैनाती आम बात है। Territorial Army की बात करें तो यह एक पार्ट-टाइम सेवा है जहां सैनिकों को साल में कुछ महीने ट्रेनिंग और सीमित समय के लिए ड्यूटी पर बुलाया जाता है। इससे व्यक्ति अपनी मूल नौकरी या व्यवसाय के साथ देशसेवा भी कर सकता है।

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वेतन-स्ट्रक्चर में भी अंतर

Indian Army में वेतन सरकारी वेतनमान के अनुसार दिया जाता है और यह फुल-टाइम मिलता है। उदाहरण के लिए, लेफ्टिनेंट का वेतन ₹56,100 से शुरू होकर रैंक और अनुभव के अनुसार बढ़ता है। वहीं Territorial Army में केवल सेवा अवधि या ट्रेनिंग के दौरान वेतन दिया जाता है, जो Indian Army के समान होता है लेकिन नियमित नहीं होता।

पेंशन और लाभों में फर्क

Indian Army के जवान अगर 20 साल की सेवा पूरी करते हैं तो वे पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के पात्र होते हैं। Territorial Army में पेंशन तभी मिलती है जब कोई व्यक्ति कुल 20 साल की active physical duty पूरी करे, जो कि एक पार्ट-टाइम सेवा में चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, Territorial Army के अधिकारियों को सेवा के दौरान कैंटीन सुविधा, मेडिकल और राशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं।

किनके लिए कौन-सी सेना बेहतर है?

अगर आप किसी पेशे में कार्यरत हैं और फिर भी देशसेवा का सपना देखते हैं, तो Territorial Army एक शानदार विकल्प है। वहीं अगर आप सेना को एक करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं, और फुल टाइम देश सेवा करना चाहते हैं, तो Indian Army बेहतर विकल्प है।

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Andrea Mathews
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