
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग-8th Pay Commission को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर हैं। यह आयोग कर्मचारियों की सैलरी-संरचना को फिर से तय करेगा, जिससे उम्मीद की जा रही है कि उनकी आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। अभी तक आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार 2026 से पहले इसे लागू करने पर विचार कर रही है।
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बेसिक सैलरी में जबरदस्त उछाल संभव
सबसे बड़ी उम्मीद फिटमेंट फैक्टर-Fitment Factor में बदलाव को लेकर है। वर्तमान में यह फैक्टर 2.57 है, जिसे बढ़ाकर 2.86 किए जाने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है, तो किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी-Basic Salary ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकती है। हालांकि यह बढ़ोतरी केवल बेसिक पर लागू होगी, कुल सैलरी में कितना फर्क पड़ेगा, वह अन्य भत्तों पर निर्भर करेगा।
महंगाई भत्ता और फिटमेंट फैक्टर का तालमेल
वेतन आयोग में एक और अहम चर्चा का विषय महंगाई भत्ता-DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का है। इससे सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह से बदल सकता है। इसका मतलब ये होगा कि DA अब अलग से नहीं जोड़ा जाएगा बल्कि उसे बेसिक में शामिल कर सैलरी कैलकुलेशन किया जाएगा। इससे कुल सैलरी पर प्रभाव पड़ सकता है लेकिन पेंशन और भविष्य निधि में यह बदलाव फायदेमंद हो सकता है।
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8वें वेतन आयोग के लागू होने की संभावित समय-सीमा
अगर सरकार अपनी परंपरा के अनुरूप आगे बढ़ती है, तो 7वें वेतन आयोग-7th Pay Commission के 10 साल पूरे होने पर यानी 2026 में 8वें वेतन आयोग को लागू किया जा सकता है। हालांकि, कर्मचारी संगठन इसे जल्दी लागू करवाने की मांग कर रहे हैं, और इस दिशा में दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें
कर्मचारी वर्ग को उम्मीद है कि वेतन आयोग के जरिए महंगाई को देखते हुए उनकी आय में ठोस सुधार होगा। वहीं सरकार इस प्रक्रिया को बजट, आर्थिक स्थिति और राजनीतिक समीकरणों के अनुसार आगे बढ़ा रही है। ऐसा भी माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जिससे वोटरों को साधा जा सके।
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